serial
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serial
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Posted on 06-04-08 9:38
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-चौतारी - ११८
(विश्वको प्रथम र अनुपम ईन्टरनेट आशु-नाट्यमञ्च)
हाँसो ठट्टा र खुसी बाँड्दै, र मुक्तक, कविता, गजल, कथा आदिमा रमाउँदै अनेकन उकाली ओरालीहरु पार गरेर हामी चौतारीको ११८ औं संस्करणमा आइपुगेका छौं। अहिले यस चौतारी सिमाना पूर्व मेचीबाट बढेर जापानसम्म पुगेको छ भने पश्चिम महाकालीबाट बढेर अमेरिकासम्म बढेको छ। अत एव, सधैं घाम लागिरहने पनि यस चौतारीको विशेषता हो। यस्तो चौतारीमा पाल्नुहुने तपाईंहरुलाई कोटी कोटी स्वागत छ।
"जात,धर्म्,लिंग,राजनिति,भाषा,ब्यक्तिगत रिसइबीमा जस्ता कुरालाइ तिलाञ्जली दिएर मात्रै 'हामी नेपाली' हौ भन्ने र एकआपसमा मित्रभावले रामाइलो गर्न आउनेहरुलाइ चौतारीको बर-पिपल ले हार्दिक स्वागत गर्छ"
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लौ बसुम यही चौतारीमा
Chautari (Chow-tar-ee):
(World's first and finest internet IMPROV in Nepali language)
Meet the world's finest school teacher, unbeatable students, mischievous senior citizens, wildest , vacationing revolutionaries, rethinking moderates, instant dreamerspoets, gifted story-tellers, pot smokers, alcoholics, workoholics, home-makers, pretty damsels, fierce contenders, homelanders, laa-hoo-rays, all on the stage of Chautari of Sajhaland.
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Rahuldai
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Posted on 06-04-08 9:40
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Rahuldai
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Posted on 06-04-08 9:41
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बल्ल जिन्दगी मा बोर फस भाईयो गाँठे, यही हिसाब ले काम गर्यो। ४ है नयाँ चौतारी मा, लहरे लाई बधाई र धन्यवाद एक्मुष्ठ ।
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*~Spring~*
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Posted on 06-04-08 9:42
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ma secen ho?
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Pretty
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Posted on 06-04-08 9:45
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लौ बिस्टे कत्रो तयारी गर्दै थिए क्यारे लहरेले उछिने छ म थर भएँ
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Birkhe_Maila
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Posted on 06-04-08 9:45
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धेरै ठूलो परिश्रम पछि, धेरै पटक, पटक पटक बाउन्न घुस्सा त्रिपन्न ठक्कर खाएपछि, कयौँ हन्डरहरु झेलेर, कयौँ पटक घोर निराशामा परेर, सयौँ पटक अलिकता मात्रले फुस्केर भए पनि अन्तत: श्री राहुलभाई रायमाझि बोरफस हुनुभएकोमा हाम्रो बधाई छ! यसका साथ साथै ठुल्दाईको बोरफस हुन नसकेको अनुभव पनि ४० वर्षको भयो भने बोरफस भएको अनुभव १ वर्षको, आजका मिती देखि ठुल्दाईको उमेरमा ४१ वर्ष थपिएको छ! लोल!
चौतारी मन्त्रीपरीषद
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serial
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Posted on 06-04-08 9:47
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हैन सान्नानी, बिस्टेको फुर्सद छैन रे, अनी मलाई नै बनाउ भन्यो अनी बनाएको, सबुत प्रमाण म सँग छ है, पालो मिच्या हैन।
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Nepalki_chori
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Posted on 06-04-08 9:48
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सबैलाइ नमस्कार। बाउचा छु दु? बसन्ती के छ? सान्नानी के छ? लोल जिम्मल बा।
के के हो के, त्यो लम्बरहरुको काम् कुरो को केहि था' भए मरिजाम।
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cheli
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Posted on 06-04-08 9:50
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नयाँ चौतारीमा नयाँ ३ है ! १
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Pretty
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Posted on 06-04-08 9:52
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ठुल्दाईलाई बधाई छ
भाउजु लङ ट्याम नो सि
ओ ल ल लहरे प्रमाण नै छ रे ल देखाउ न त सक्छौ भने
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serial
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Posted on 06-04-08 9:53
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आरामे का:, ठिके जु ध्यामाल का, अली पित: या छु दु ले, तारेमाम है फेरी सबैलाई -
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Birkhe_Maila
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Posted on 06-04-08 9:54
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चौतारीका महिलाहरुको टपोरी नाम राख्ने बारे मन्त्रिपरीषद् मा बुझाईएको प्रतिवेदन पारित गरिएको छ। उक्त नाम गन्नुमहात्म्यमा तथा अन्यत्र पनि प्रयोग गर्न सकिने छ। कुनै सदस्यलाई आफ्नो नाम मन नपरेमा हटाइपाउँ अथवा फेरिपाउँ भनेर निवेदन हाल्न सकिने छ। नामहरु यस प्रकार छन्-
१) सान्नानी सापकोटा- सन्नो
२) बसन्ती बाँसकोटा- बन्नो
३) ठुल्नानी ठकुरानी- ठन्नो
४) तितौरादेवि तिमल्सिना- तन्नो
५) चेलिमाया चामलिङ्ग- चन्नो
६)दीपीका दवाडी- दन्नो
७) माष्टरनी नानी- मन्नो
:पि :डी (यो मन्त्रिपरीषद्को हाँसो हो)
लोल! ( यो चाहिँ प्रवक्ताको हाँसो हो)
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*~Spring~*
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Posted on 06-04-08 10:01
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महान बिध्वान,गन्नु महत्म्या मा बिद्यावारीधी प्राप्त हाम्रो आफ्नै चौतारी को झन शाख्खै पर्ने जिम्माल बा को एस उत्कृष्ट रचना ले हाम्रो मन अती छोको भएर हामी एस्लाई फेरी पोस्ट गर्ने अनुमती क साथ फेरी टास्दै छौ---
रिठे काणा- " गन्नुभाई! गन्नुभाई!"
गन्नुभाई- " क्या है?"
रिठे काणा- " गन्नुभाई बाहर कोइ छोकरि आएलि है!"
गन्नुभाई- " छो..छोकरी?"
रिठे काणा- हाँ भाई, और साथमे एक भैँस है!"
गन्नुभाई- " इसकि जात का पैदा मानु, छोकरीके संग भैँस क्या कररेली है?"
रिठे काणा- " भाई भैँसतो मुहमे झाग चबारेली है!"
गन्नुभाई- " अबे खालि बर्तनके ढक्कन, अपुन भैँस क्या कररेली है नक्को पुछा, अपुन पुछा छोकरीके संग भैँस काहे कु?"
रिठे काणा- " भाई अपुनको क्या मालुम, और छोकरी कुछ बोलरेलि थि!"
गन्नुभाई- " और तु सुने बिना इधरको आया?"
रिठे काणा- " भाई अपुन सोचा भाईको खबर करदुँ, पहलि बार कोइ छोकरी अपुनकि अड्डामे आइ है न इसलिए!"
गन्नुभाई- " ठिक है , चल बाहर अपुन भि चलता है, देखेँ छोकरी क्या कररेली है ईधर?"
(सब बाहर जाते हैँ, और बाहर-)
सन्नो - " भैँस ले लो भैस!" " रे बाबुजी भैँस ले लो भैँस!" "पुरे गन्नु गैँग को खिलानेके वास्ते भैँस ले लो भैँस!"
गन्नुभाई- " ए छोकरी! इधर आ!"
सन्नो- " राम राम गन्नुभाई! भैँस ले लो भैँस!"
गन्नुभाई- " ए छोकरी तु कौन है?"
सन्नो- " गन्नुभाई अपुन खन्डालाके सान्नानी है, अपुनको सब लोग बोले तो सन्नो बुलाता है!"
गन्नुभाई- " और ए भैँस तेरे साथ क्या कररेला है?"
सन्नो- "गन्नुभाई अपुन इसको बेचनेके वास्ते आएलि है!"
गन्नुभाई- " अबे छोकरी ये कोइ भैँस बेचनेका ठिकाना है क्या?"
सन्नो- " छोकरी किसको बोला रे तु नासपिटे? भाई होगा छोकरा लोगका होगा, मेरेको सन्नो बुलानेका, नहिँ तो मै शोर मचादुंगी, बडा आया भाई बनने वाला!"
गन्नुभाई- " तेरि.... अपुन छोकरीलोगके उपर हाथ नहिँ उठाता, समझि तु, मेरे से तमिज से बात करनेका! चल छोक...सन्नो बोल, भैँस बेचनेकु काहेको इधरकि आयि तु?"
सन्नो- " हाय रे नासपिटे पुछरेला हैकि मै काहे कु इधरको आयि! मेरे फुटे करम, एक तो उस बुढउ भैँस देके चला गया, उपर से पुछा नहिँ कि कैसे भैँस पालेगि अपुन अकेलि जान! और इधर साला पुरे मुम्बइका भाइ बनगेला गन्नुभाई बोलरेला है कि काहेकु मै इधरको आयि! बडा भाई हुवा तु, साला एक अकेलि छोकरीके भैँस खरिद नहिँ सकता!"
गन्नुभाई- " अबे...बात सुन्, खरिदनेको तो अपुन पुरा मुहल्ला खरिद सकता है क्या! पन बात ऐसि है, कि सला अपुन भैँसका क्या करेंगा?"
सन्नो- " काटके खानेका और क्या करनेका?"
गन्नुभाई- "तु चुप कर छुक देरके वास्ते ठिक है? अपुन छोकरा लोग से बात करके आएंगा ठिक है?
सन्नो- " रोकडा लेके आनेका भैँसका!"
गन्नुभाई- " ठिक है ठिक है!"
बाँकि ब्रेक के बाद |
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Last edited: 04-Jun-08 10:24 AM
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Rahuldai
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Posted on 06-04-08 10:01
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बोर फस भएको उपलक्षमा बधाई दिने सबै लाई बधाई। यो बोर फस सहि माने एतिहासिक बोर फस हो। बिर्खे बा ले भने जस्तै ४० वसन्तमा बोर फस न भएको अहिले भाको त्यसमाथी गणतन्त्र नेपाल को पहिलो बोर फस। यस्तो पो बोर फस हुनु, कसो?
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serial
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Posted on 06-04-08 10:07
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देखाउनै पर्ने भो त प्रमाण - साचै हो - हो त
रिट्ठे काणा छ भनेर थाहा भएकै कुरा हो, जहाँ पिन्क फन्ट देख्छ, ओही चिपक्जाता है गम कि तर्हा, काणा काणा एसै नही हुवा है,
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Pretty
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Posted on 06-04-08 10:12
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रिठ्ठे आउ बा आउ यता नि छ पर्पल फन्ट
ho la dekhau lahare
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*~Spring~*
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Posted on 06-04-08 10:13
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सन्नो मुहपे च्युइंग गम चबारेली है और इधर उधर देखरेली है! साथमे भैँस मुहपे झाग चबारेलि है और हाथपे मैसिनगन लिए गन्नुभाईके छोकरालोग को देखरेलि है!
अन्दर रिठे काणा और गन्नुभाई छोकरालोगके साथ भैँसका क्या करनेका बोले तो डिसकाँस कररेले हैँ!
बाहर हर्के रंगिला और सैरियल लंगडा आते हैँ,कभि सन्नोको देखते हैँ तो कभि भैँसको!)
सन्नो- (हर्के रंगिलाको देखकर) " काहे रे नासपिटे, मेरे कु काहे कु घुरके देखरेला है? साला कब्बि कोइ छोकरी नहिँ देखा क्या?"
हर्के रंगिला-" नहिँ रे, नहिँ देखा अपुन कोइ छोकरी कभि,.... तो??"
सन्नो-" हाय रे हाय अकेलि जानकि छोकरी देखि तो साला तेरेको मस्ति सुझि? साला नासपिटे तेरे बच्चे मरे डुबकर, तेरा एक आँख काना हो, तेरि झोपडिपे आग लगे रे मनहुस!"
हर्के रंगिला- " ओइ होई, देख लंगडा गुस्सेमे ये छोकरी जलति हुइ बलाबके माफिक देखिरेली है, बोले तो मस्त उजाला!"
सैरियल लंगडा- " चुप कर करे रंगिला, अब्बि भाईको मालुम हुवा कि तु छोकरीको छेडरेला है तो भाई तेरेकु सुला देंगा!"
सन्नो- " क्या बोला रे नासपिटे तु मेर कु?? जलता हुवा बलाब बोला तु मेर कु? जले तेरि आँख!तेरे घरमे मा बहन नहिँ है क्या? घरमे बिबि अकेली पकरेली है और साला तु भैँस बेचने आइ अकेली छोकरीको छेडरेला है! हाय हाय किडे परे तेरे मुहपे! तेरे बच्चे यतिम हो! हाय लगेगि मेरि!"
सैरियल लंगडा- "अबे रंगिला चुप् कर अब्बि!" " सुन छोकरी, ये रंगिला बोले तो देखता एक तरफ है और आँख दुसरि तरफको जाति है!वो तेरेको नक्को देखरेला है! वो तो भैँसको देखरेला है!"
सन्नो- "छोकरी किसको बोला रे तु??? अपुनका नाम सन्नो है! क्या? सन्नो करके बुलानेका, अपुन तेरे जैसन मवालि नहिँ है, इज्जत है अपुनका! और क्या बोला तु, ये नासपिटे मेरे कु नक्को देखा? अपुन नहिँ पहेचनता क्या मवालीके आंख को? ये साला अपुनइचको देखरेला है!"
हर्के रंगिला- " हाँ छोकरी अपुन तेरेइचको देखरेला है, तो?? चलति है क्या नौ से बारह?"
सन्नो- " अबे गन्दे नालिके किडे, आंख किसको माररेला है तु? तेरे जैसे मवालिके साथ अपुन पिक्चरको जाएंगि क्या? साला थोबडा देखा है अपना तु काजुके निचले हिस्से? सुखे हुवे खजुरके माफिक उखडेला थोबडा लेकरके अपुनको छेडता है रे हाय हाय???"
सैरियल लंगडा- " अबे चुप कर, भाई बाहर आरेला है!"
.......बाँकि ब्रेक के बाद
Last edited: 04-Jun-08 10:26 AM
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Pretty
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Posted on 06-04-08 10:16
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बन्नो ए क्या हुआ? क्या कर दिया तुने?
1 edit garisaya raichha 1
Last edited: 04-Jun-08 10:16 AM
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*~Spring~*
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Posted on 06-04-08 10:16
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रिठे काणा- " भाई लगता है बाहर कुछ कायँकायँ होरेला है!"
गन्नुभाई- "काहे कु रे?"
रिठे काणा- " मेरे कु वो छोकरी और रंगिला झगडते हुवे सुनाइ दिया!"
गन्नुभाई- " वो रंगिला छोकरीको छेडा तो नहिँ?"
रिठे काणा- "मालुम नहिँ भाई!"
गन्नुभाई- " चल बाहर!"
(बाहर आते हैँ)
सन्नो- "गन्नुभाई तेरे गैंगमे छोकरीकि कोइ इज्जत नहिँ हेंगा क्या? साला बहुत बडा गैंग चलाता है रे तु पन एक छोकरीकि इज्जत नक्को रे!साला नासपिटे तु धरम वरमको भि घोडा खिलाके खलास किया का रे पापी?"
गन्नुभाई- (तिलमिलाकर) " अबे ये छोकरी क्या बकरेली है? कब से चुप बैठेला हुँ भेजा खारेली है! हटा सब गैंगका वसुल वसुल और घुसादे इसकि कनपटीपे एक कैप्सुल! जब देखो कायँकायँ कररेली है कररेली है, जिनेका नहिँ है क्या तेरे कु???"
सन्नो- (माथा पिटते हुये) " हाय रे हाय! मेरे नसिबमे यहिच लिखा है मालुम था मेरे कु! साला सडकछाप मवालि तो मवालि, साला गैंगका भाइ भि गरिब छोकरी पाकर मरदान्गि दिखारेला है!साले सारे के सारे मवाली लोग काट रे मेरे कु तब जाकर तेरे कलेजा ठन्डा होनेका है तो!हाय रि मेरि किस्मत सबेरे से अकेलि छोकरी एक भैँस लेकरके बेचनेको चलरेलि है और हरामि पब्लिक है कि मेरेको घुररेली है!सोचा ये नासपिटे गन्नुभाई बडा डाँन है अपुनका भैँस खरिदलेंगा और अपुनकि पनौती धुल जाएंगा, पन मैइच गलत थि, साला मवालिके खोलिपे भैँस बेचनेको आई!! दैया रे दैया, मेरेकु काहे कु नक्को उठाया रे देवा तु??"
गन्नुभाई- (थोडा शान्त होकरके) " अरे सुन बे छोक्...सन्नो! जब साला अपुन तेरा भैँस खरिदनेके वास्ते माथा भिडारेला है तो बिचमे टाँग मारके काहे कु दिमाग कि मा बहन कररेली है रे तु?"
सन्नो- (हर्के रंगिलाकि तरफ इशारा करके)" पुछ रे गन्नुभाई अपने इस दो टकेकि बुझरेली आरतीको!अब्बि आरेला है साला मेरे कु नौ से बारहका पिक्चर चलनेको बोलरेला है साला मवाली!"
गन्नुभाई- (हर्के रंगिलाको देखकर्) "क्या रे छिपकली कि दुम,तु क्या किया रे इस छोकरी कु?"
हर्के रंगिला- " अपुन कुछ नहिँ किया भाई, बोले तो कैसि है क्या कररेली है वहिच सबकुछ पुछरेला था, और वहिच पहले सुरु होगेलि थि भाई!"
गन्नुभाई- " अबे जंग लगे काँटी, साला छोकरी देखि नहिँ कि मस्ति सुझि तेरे कु? सुन् बे,ज्यादा ना मटक और अपुनकि बात गलेमे सटक्! ये जो छोकरी इधरको बैठेली है न,वो अपुनका मेहमान बोले तो गेस्ट है! अपुन सबकि बाट लगाएंगा पन अपनिइच मेहमानकि नक्को!तेरे भेजेमे घुसरेली है न मेरि बात?"
हर्के रंगिला- " दुरुस्त बोला भाई!"
गन्नुभाई- " तो जल्दिसे भितरको कलटी मार और मेरे कु एक बडा वाला पैग बना!"
सन्नो- " और मेरे से माफी भि मांगनेको पडेंगा, हाँ!"
हर्के रंगिला-(सन्नोको देखकर) " माफि काहे कु रे? माफी काहे कु? भाइ एक बात क्या बोला तितली सुरु होगेली फिर! अपुन माफी मागेका क्या तेरे से? हर्के रंगिला तु कल की छोकरीके संग माफी मागेंगा??? भेजा सटकगेला है क्या तेरा?? अपुन कियाइच कुछ नहिँ तो काहे कु माफी मागेंगा रे?? तेरेको कौन बोला कि ये आधि खुलि त आधि बन्द लेहङ्गा लगाके आनेका इधर?? छोकरा लोग तो देखेंगा हि, देखके छेडेंगा हि!माफी मांगना पडेंगा बोलरेलि है लौंडिया! हर्के रंगिलाके लाइफमे कोइ छोकरीके साथ माफी नक्को!!! अब्बि भाई बोलरेला है इसलिए जारेला हुँ, कब्बि तो दिखेगि न तु खन्डालाकि झोपरपट्टिमे?"
गन्नुभाई-" अबे साले पतझडके सडेले पत्ते, तु काहे कु फिर इस छोकरीके संग माथापच्चि करलेला है, जल्दि से खिसक और एक ड्रिङ्क ला के दे मेरे कु!"
हर्के रंगिला- " अब्बि लो भाई!"
सन्नो- (रोरेली है) "सुबक....सुबक"
गन्नुभाई- "अबे, अब तु काहे कु निरुपा राय कि माफिक रोरेली है?"
सन्नो- "सुबक... सुबक...भैँस भि मेरा नक्को बिकनेका!सुबक... सुबक...मवाली लोग भि मेरेइचको छेडनेका...सुबक सुबक..!"
गन्नुभाई- "अरे चुप हो जा रे! अपुन खरिदेगा तेरा भैँस! काहे कु रोति है रे तु? एक भैँस क्या साला पुरा का पुरा तबेला खरिद लेंगा अपुन तेरा...!
रिठे काणा- " भाई वो..!"
गन्नुभाई- " सुनरेली है क्या तु छोकरी? एक भैँस क्या पुरा का पुरा तबेला खरिदेंगा अपुन तेरा..!"
रिठे काणा- " भाई वो..!"
गन्नुभाई- "अबे भुतमहलके आखिरि आत्मा, साला इधर अपुन इमोशनल होके छोकरिको बोलरेला है, तु साला बिचमे काहे कु सर कटि बकरेके माफिक मिमियारेला है? घुसा दुँ क्या एक कनपटी पे?"
रिठे काणा- " भाई वो आप तबेला बोला न भाई, तो अपुन बोलनेका था कि, तबेला जो हेंगा वो घोडे का हेंगा भैँसका तबेका नक्को हेंगा!"
गन्नुभाई- " अबे वो सैरियल लङ्ग्डा, वो उधर एके४७ है उठाके ला,, और इस काणेके सर से पावँ तक सुराख बना! जल्दी कर! साला अपुन इमोशनल होरेला है और ये हरामि अपुनको सिखारेला है!"
सैरियल लङ्ग्डा- " भाई जाने दो न भाई, काणा अपुनका आदमि है भाई, गलती होगेला न भाई, एक बार जाने दो न भाई!"
रिठे काणा- " गलती हो गेला भाई, रहम करो!"
गन्नुभाई- " ठिक है एक बार छोडरेला हुँ, दुसरी बार नक्को! जा अन्दर जा के डेढफुटिया से एक पेटि ले कर के आ, अपुन बोले तो इस छोकरी कि भैँस खरिदरेला है!"
सैरियल लङ्ग्डा- " भाई अपुन क्या सुनरेला है भाई? एक भैँसका एक पेटि भाई? कुछ ज्यास्ति नक्को हुवा भाई?"
गन्नुभाई- " गन्नुभाई जब इमोशानाल होगेला है तो कुछ ज्यास्ति नक्को! मेरे कु ये गंगा जमना बहाति हुवि छोकरी पसन्द आगेली है, चल जल्दी से एक पेटि ला!"
(सैरियल लङ्गता जाता है और एक पेटि उठाके लाता है,गन्नुभाई सन्नोको पेटि देता है और भैँसको खुँटिसे बाँधता है)
गन्नुभाई- " चल छोकरी ये एक पेटि तेरेकु दिया मै, खुस हो जा!"
सन्नो- " हाय मै मरजावाँ! गन्नुभाई तेरे बच्चे जिएँ, तेरे सरपे बुढापे मे भि एक भि बास सफेद ना हो! तु बहुत बडा डाँन बने!"
गन्नुभाई- " हाँ चल अब चलिजा यहाँ से! तेरे पास मोबाइल हेंगा क्या?"
सन्नो- "काहे कु मोबाइल गन्नुभाई?"
गन्नुभाई- (इधरउधर देखकर)" अरे चुप कर् धिरे बोल! वो क्या है कि, अपुनको तु पसंद आगेली है, बोले तो मोबाइलपे वन टु फोर वन टु फोर करनेको मांगता!"
(सन्नो मोबाइल नम्बर देति है और उधरसे कलटि मारति है! गन्नु गाना गाता हुवा अन्दर जाता है- "शरमाना छोड डाल, बात दिलकि खोल डाल, आजु बाजु मत देख, आइ लाँव यु बोल डाल")
कुछ देर बाद----
सन्नो दुर जानेके बाद, मोबाइलपे किसिसे बोलति है-
सन्नो- " बिर्खे भाई बिर्खे भाई?" "हाँ" "अब्बि भैँस लेकरके गइ,गप्पे मारि,गन्नु नासपिटेको बातमे फँसाइ, एक पेटि लि और आई!" " कहाँ भाई? राहुलभाईकि खोलिमे?" "ठिक है भाई मै अब्बि आई" "हेँख हेँख हेँख भाई" " बेचारा गन्नु, बोले तो मेरे पे फिदा था साला, मोबाइल नम्बर मागरेला था, अपुन पागलखानेके नम्बर दे आई" "हेँख हेँख हेँख भाई, अपुन बइन किसकि भाई? हेँख हेँख हेँख"
लोल!
Last edited: 04-Jun-08 10:28 AM
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Birkhe_Maila
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Posted on 06-04-08 10:17
AM
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सन्नो, बन्नो ने बोले तो महात्म्यका फोटु उतारा लगता है अपुनको! वो क्या है कि, काँपि करके पेँस्ट करदेंगि तो फांन्ट वांन्ट सब कुछ मिलेगा और ज्यास्ति मजा आएंगा पढनेमे, क्या???
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